माँ जी: अरे बहु आज शुभम नहीं दिख रहा कंहा रह गया?
बहु: माता जी पता नहीं आज सुबह उठते ही वह कुछ पैसे लेकर निकल गए. मैं पूछती तब तक वह निकल चुके थे।
माँ जी: अच्छा मुनिया भी नहीं उठी अब तक क्या हुआ है उसको आज?
बहु: कल रात वह और उसके पापा देर रात तक खेलते रहे वे अपने कंपनी कमांडर की मूछो के किस्से बताते रहे शायद देर से सोने के कारण वह अभी नहीं उठी। उनके पापा भी देर से सोये मगर पता इतनी जल्दी उठकर कंहा चले गए. रात को फ़ोन पर बाते भी कर रहे थे। बहु सब्जी काटते हुए बोली।
माँ: लगता है उसके दोस्तों का फ़ोन आया होगा। 6 महीने बाद जो छुट्टी लेकर आया है अबकी बार सभी दोस्तों के साथ सारा टाइम बितायगा इसके सारे दोस्त विपुल की शादी के लिए इकठा हुए है अबकी बार तो छुट्टी भी सही समय पर मिल गयी। दोस्तों से भी मिल लेगा और शादी में भी शामिल हो लेगा।
बहु: हाँ माँ जी अबकी बार विपुल की शादी में 7000 वाली साड़ी लेके आउंगी और मुनिया को भी बड़े-बड़े झालर वाली फ़्रोक दिलवाउंगी।
माँ जी: बिलकुल शुभम के साथ तुम बाज़ार जाना और उसको भी अच्छी ड्रेस दिलवाना आखिर दुल्हे का सबसे पुराना और लंगोटिया यार है।
बाहर मोटरसाइकिल आकर रूकती है…
बहु: माँ जी लगता है वह आ गए अभी तो खाना भी तैयार नहीं हुआ…!
माँ जी कुछ बोलती इतनी देर में मुनिया ने आवाज़ दी पापा आपने फिर बाल कटवा लिए अभी तो आपके जाने में पूरा महिना है और विपुल चाचा कि शादी में आपके बड़े बाल अच्छे लगते।
बहु: आपके हाथ में ये कंगन और ये 2 घड़ी? अभी तो मुनिया 4 साल की है, इतनी महंगी चीज़े पहन कर कंहा जायगी। ये घड़ी तो लडको जैसी है और मुनिया के हाथ में बड़ी रहेगी।
शुभम: ले आये बस क्या पता फिर मिले ना मिले?
माँ: भक्क ऐसे नहीं बोलते!
शुभम: माँ सीमा पर बड़ी गड़बड़ चल रही है कल रात को कंपनी कमांडर जी का फ़ोन आया था और तीन दिन में बेस पर ड्यूटी ज्वाइन करनी है मुझे आज रात वाली ट्रेन से निकलना होगा।
माँ और पत्नी दोनों एक साथ “लेकिन आप तो एक महीने के लिए छुट्टी आये थे ऊपर से आप विपुल की शादी को भी भूल रहे है।”
शुभम: इसी लिए तो मैं उसके लिए गिफ्ट लाया हूँ
अच्छा सुनों अगर मैं ना आऊ पाऊ तो मुनिया को बता देना कि अपनी जमीन की लाज और कर्म के लिए इसका बाप इस छोड़ गया था।
माँ, पत्नी और मुनिया कि जैसे सारी उम्मीदे एक दम से बिखर गई.
सभी फौजी भाइयो को समर्पित
जय हिन्द जय भारत
(गुलशन यादव )