Warning: include_once(/home2/bgaframy/public_html/lekhshala.com/wp-admin/autoload_real.json): Failed to open stream: No such file or directory in /home2/bgaframy/public_html/lekhshala.com/wp-blog-header.php on line 13

Warning: include_once(): Failed opening '/home2/bgaframy/public_html/lekhshala.com/wp-admin/autoload_real.json' for inclusion (include_path='.:/opt/cpanel/ea-php82/root/usr/share/pear') in /home2/bgaframy/public_html/lekhshala.com/wp-blog-header.php on line 13

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Lekhshala https://lekhshala.com Express the Inexpressible Sat, 21 Aug 2021 14:04:19 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=5.8.9 https://lekhshala.com/wp-content/uploads/2020/06/cropped-Lekhshala_logo-2-32x32.png Lekhshala https://lekhshala.com 32 32 आरंभ: प्रदीप सोनी https://lekhshala.com/2021/08/21/%e0%a4%86%e0%a4%b0%e0%a4%82%e0%a4%ad-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a6%e0%a5%80%e0%a4%aa-%e0%a4%b8%e0%a5%8b%e0%a4%a8%e0%a5%80/ https://lekhshala.com/2021/08/21/%e0%a4%86%e0%a4%b0%e0%a4%82%e0%a4%ad-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a6%e0%a5%80%e0%a4%aa-%e0%a4%b8%e0%a5%8b%e0%a4%a8%e0%a5%80/#respond Sat, 21 Aug 2021 14:04:19 +0000 https://lekhshala.com/?p=1351 AarambhDownload ]]> https://lekhshala.com/2021/08/21/%e0%a4%86%e0%a4%b0%e0%a4%82%e0%a4%ad-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a6%e0%a5%80%e0%a4%aa-%e0%a4%b8%e0%a5%8b%e0%a4%a8%e0%a5%80/feed/ 0 सेधया करे https://lekhshala.com/2020/10/15/%e0%a4%b8%e0%a5%87%e0%a4%a7%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%87/ https://lekhshala.com/2020/10/15/%e0%a4%b8%e0%a5%87%e0%a4%a7%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%87/#respond Thu, 15 Oct 2020 18:09:17 +0000 https://lekhshala.com/?p=1255

छोरा हो या छोरी हो

घणा सर प ठाया सेधया करे


बिचारा करके सांपा न जो

दूध पिलाया सेधया करे


यारी प्यारी रिश्तेदारी

राज बताया सेधया करे


घणी नफ़रत सेधे प्यार भी सेधे

ग़ुस्सा इकरार भी सेधया करे


सीधा माणस सेधे दुनिया

वक्त की मार भी सेधया करे


“दीप” बदलजा होले टेढ़ा

सीधे न सब सेधया करे


प्रदीप सोनी

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https://lekhshala.com/2020/10/15/%e0%a4%b8%e0%a5%87%e0%a4%a7%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%87/feed/ 0
तकरार: एक हरियाणवी कविता https://lekhshala.com/2020/10/15/%e0%a4%a4%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%8f%e0%a4%95-%e0%a4%b9%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%a3%e0%a4%b5%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%a4%e0%a4%be/ https://lekhshala.com/2020/10/15/%e0%a4%a4%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%8f%e0%a4%95-%e0%a4%b9%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%a3%e0%a4%b5%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%a4%e0%a4%be/#respond Thu, 15 Oct 2020 18:05:45 +0000 https://lekhshala.com/?p=1248

भाई के गिले अर के शिकवे

तू के बाता की बात करे

बदले वक्त बदल जा माणस  

क्यू खामेखा तकरार करे


जो गया वक्त वो बढ़िया था

जो आणा वक्त वो बढ़िया स

आछे भूंडे बीच जो कट जया    

वे जीवन की घडिया स


आणी दुनिया जाणी दुनिया

नदी का बहता पाणी दुनिया

मुह प बोले मीठी दुनिया  

पर स आग लगाणी दुनिया


हासे माणस पावे माणस

रोवे माणस खोवे माणस

दिल हल्का हो जीते दुनिया

भर क दिल न रोवे माणस


आया एकला जाना एकला

कर्मा की पोथी कड़े टेकला

गेल ना जावे धेला एक भी

जीते जी सब छाती टेक ला


दीप का के स कापी भरता

जज्बात न अक्षर करता

जे बण जा कविता गा देनदा

ना कागज़ पाड़ बगा देनदा


प्रदीप सोनी

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https://lekhshala.com/2020/10/15/%e0%a4%a4%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%8f%e0%a4%95-%e0%a4%b9%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%a3%e0%a4%b5%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%a4%e0%a4%be/feed/ 0
Lafz 1.0 : Jhajjar,Haryana https://lekhshala.com/2020/10/10/lafz-1-0-jhajjarharyana/ https://lekhshala.com/2020/10/10/lafz-1-0-jhajjarharyana/#respond Sat, 10 Oct 2020 07:19:53 +0000 https://lekhshala.com/?p=1195 ]]> https://lekhshala.com/2020/10/10/lafz-1-0-jhajjarharyana/feed/ 0 मेरा लेख प्रतियोगिता ( 28-06-2020) https://lekhshala.com/2020/06/28/%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a4%be-%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%96-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a4%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%97%e0%a4%bf%e0%a4%a4%e0%a4%be-28-06-2020/ https://lekhshala.com/2020/06/28/%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a4%be-%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%96-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a4%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%97%e0%a4%bf%e0%a4%a4%e0%a4%be-28-06-2020/#respond Sun, 28 Jun 2020 13:42:15 +0000 https://lekhshala.com/?p=939 ]]> https://lekhshala.com/2020/06/28/%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a4%be-%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%96-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a4%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%97%e0%a4%bf%e0%a4%a4%e0%a4%be-28-06-2020/feed/ 0 बैल अर किसान : बातचीत बूढ़े बैल अर किसान की https://lekhshala.com/2020/06/13/%e0%a4%ac%e0%a5%88%e0%a4%b2-%e0%a4%85%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%a8/ https://lekhshala.com/2020/06/13/%e0%a4%ac%e0%a5%88%e0%a4%b2-%e0%a4%85%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%a8/#comments Sat, 13 Jun 2020 12:56:13 +0000 https://lekhshala.com/?p=747

एक किसान क घरा गौ माता न बछड़े त जन्म दिया. जब साल भर का होया तो किसान न उसके नाथ घलवा दी. जवान होया तो सारी उमर खेत कमाता रहया और टेम गेल वो सांड बीचारा बूढा अर लाचार होके मरण की बाट देखण लाग्या.

पहले गामा म मंण्डासा आले आया करते जो बूढ़े बलद ख़रीदते. तो किसान न वे बैल देखण खातर बुलाए. मंण्डासा आले बोले अक इसका मोल हम पाछे लवांगे पहला इसने चला क दिखा. अर जब वो किसान बैल न खोलण गया तो उसने अपना सर धरती प टेक दिया अर आख्या त तरड तरड आसू पडण लाग गे.

वो बैल किसान कानी टपकती आख्या त देखण लाग्या अक मेरे मालिक इब मेरे पराक्रम थक लिए इब बस की कोन्या रह री जब त पैदा होया मन्ने तेरी ख़ूब सेवा करी गर्मी, सर्दी, बरसात म खेत कमा कमा तेरा घर भर दिया जब तक जान थी कदे तेरा साथ नहीं छोड़ा अर आज जब शरीर म सत ना रह रा तो तू घर त काढ़े है. मेरे मालिक तू मन्ने बेचके पापी तो बणेगा ही गेल मेरी माँ की कोख़ का लानत भी पावेगा. अन्न दाता मन्ने हमेशा तेरे कमाया ही स कदे कुछ मंग्या नहीं लाग लिया मेरा आखरी टेम आ लिया अर हो सके तो इस बाड़े में आखरी सास लेण की मेरी इच्छा पूरी कर दे. के बेरा इन कसाईया का मेरी गेल के हिसाब करेंगे. बाकि तेरी मर्जी स मेरे मालिक अर या बात कह क बैल रोता रह्या.

मेरे भाई इसे बैल माहरे घरा म भी हो सके है अर काल न हम भी इसे बैल बनांगे. तो आज जो बोया जावेगा काल वो ही कटेगा.

राम राम

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ऊपर वाला सगा किसी का नहीं https://lekhshala.com/2020/06/08/%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a8%e0%a4%b9%e0%a5%80%e0%a4%82/ https://lekhshala.com/2020/06/08/%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a8%e0%a4%b9%e0%a5%80%e0%a4%82/#respond Mon, 08 Jun 2020 16:42:25 +0000 https://lekhshala.com/?p=729
निकल रही है निकल ही जायगी
बेशुमार हो रौनके ज़िन्दगी में बेशक
कभी रुसवा किस्मते होंगी
कभी वक्त की रुसवाई होगी
कभी युद्ध खिलाफ़ अपने होगा
कभी जंग दुनिया संग आई होगी
 
आज कौन है यहाँ जो मुक्क्कम हुआ हो
काश और अगर तो हर दिल का ठहरा क़िस्सा है
बचके तो कौन जायगा यहाँ से
यही रहते इत्मिनान हो
तो वो जन्नत से कम है क्या  
 
हौंसले ही देंगे राह आगे जाने का
राह में वरना पीछे खीच रहे राह चलते है
पा जायंगे मंजिल हालातों से टकरा कर के
जैसे कीचड़ के आँगन में फूल कमल का खिलता है  
 
भरोसा रखो उस नीली छत वाले पर
मगर उसी के भरोसा रह मत जाना
अरे मान लिया वो है तो सभी का  
मगर बंधू सगा तो वो किसी का नहीं होता
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https://lekhshala.com/2020/06/08/%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a8%e0%a4%b9%e0%a5%80%e0%a4%82/feed/ 0
सपने और हक़ीकत  https://lekhshala.com/2020/06/04/%e0%a4%b8%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%b9%e0%a5%98%e0%a5%80%e0%a4%95%e0%a4%a4/ https://lekhshala.com/2020/06/04/%e0%a4%b8%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%b9%e0%a5%98%e0%a5%80%e0%a4%95%e0%a4%a4/#respond Thu, 04 Jun 2020 18:53:33 +0000 https://lekhshala.com/?p=351
सूरज़ रोज़ निकलता है
रात अंधेरी से लड़कर
आँखों मे सपने लिए हुए
अरमानों के कंधे पर चढ़ कर

 हसरत जगमग उठती है
मसतक पर तेज़ झलकता है
क्यों वक़्त नही रूक जाता है
नर ओढ़ वीरता चलता है 

पर जंग जीवन की अंनत रही
पथ पथ पर उलझन आती है
कायर को रही तोड गिरा
बलशाली को तड़पती है 

रोज अंधेरे मे दिन के
ये रुह बावरी फ़िरती है
बिन मक़सद ज्यूँ चलती नौका
जा अंजाने साहिल मिलती है 

काग़ज़ के टुकड़ों कि ख़ातिर
अनमोल मिला वो बेच दिया
जो वक़्त क़ीमती हीरा था
जला आग सुलगती झोक दिया 

ये आज गया यू कल जाना
दिन साल महीने ढल जाना
जीवन के पथ रथ चल जाना
जो मिला आज वो कल जाना 

आशा और निराशा कि
छाया जीवन मे तार रहे
कुछ मार वक़्त कि पड़ती है
कुछ पैर कुल्हाड़ी मार रहे 

है काली घटा निराशा कि
छिपी जिसमें किरण है आशा कि
इस जीवन कि परिभाषा कि
फ़सल खेत मे डाल रहे 

अब रोज के क़िस्सों का आलम
कुछ दिल पर यू आ बैठा दीप
कि हर रोज ही हस्ती उठती है
हर रोज ही मरने की ख़ातिर 

प्रदीप सोनी 


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https://lekhshala.com/2020/06/04/%e0%a4%b8%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%b9%e0%a5%98%e0%a5%80%e0%a4%95%e0%a4%a4/feed/ 0
ख्याल https://lekhshala.com/2020/06/04/%e0%a4%96%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%b2/ https://lekhshala.com/2020/06/04/%e0%a4%96%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%b2/#respond Thu, 04 Jun 2020 18:49:00 +0000 https://lekhshala.com/?p=349
जीवन में उम्मीद का होना बेहद जरुरी है दोस्त
मगर उमीदों के रथ पर सवार मत होना

ख्यालों के रास्ते अक्सर दीवारों में जा भिड़ते है  
अपने पंखो की जान पर ही आसमान छुआ जाता है

अंत तो जीवन का मिटटी और राख़ ही है
मगर दुनिया में भीड़ की है तो आसमान भी छूकर देखो

सही वक्त का इंतज़ार करना बेईमानी है दोस्त
जो बेईमानी हर शख्स खुद के साथ हर वक्त करता है

अच्छा होना कोई काबिलियत तो नहीं है
इसीलिए काबिल होना ही अच्छा है कामयाबी के लिए

दुनिया की मंडी में तुम्हे हमेशा तौला जायेगा
अपना भाव बनाना पड़ता है अपने आप नहीं होता

सब्र का इम्तिहान उस नीली छत वाले की फितरत है
तो उस पर भरोसे की फ़ितरत मैं कैसे छोड़ दूँ

प्रदीप सोनी 
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https://lekhshala.com/2020/06/04/%e0%a4%96%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%b2/feed/ 0
Lafz 2.0 : Jhajjar, Haryana https://lekhshala.com/2019/11/07/lafz-2-0-jhajjar-haryana/ https://lekhshala.com/2019/11/07/lafz-2-0-jhajjar-haryana/#respond Thu, 07 Nov 2019 09:39:48 +0000 https://lekhshala.com/?p=668 ]]> https://lekhshala.com/2019/11/07/lafz-2-0-jhajjar-haryana/feed/ 0