परमाणु क्षमता से परिपूर्ण रॉकेट्स 2 मिनट के अलर्ट पर तैनात थे दोनों देशों के बीच संबंध काफ़ी माँ – बहन हो चले थे और किसी भी समय किसी भी तरफ़ से हमला हो सकता था.
क्यूबा राष्ट्रपति ने लगातार प्रेम पत्र भेजने के लिए रूस पर दबाव बनाया मगर सही समय नहीं होने का हवाला देकर हमला रोके रखा गया और कुछ दिनों बाद राकेट निष्क्रिय कर हटा लिए गए.
अमेरिका के जस्ट बगल में फसा कुछ किलोमीटर का भीमकाय देश क्यूबा अपने देश में अमेरिका द्वारा की जा रही ऊँगली से परेशान था जिस से भड़क कर उसने रूस को क्यूबा में परमाणु मिसाइल सिस्टम लगाने की अनुमति दी. उस दौर में रूस – अमेरिका के बीच हीर – राँझा, रोमिओ – जूलिएट वाला प्रेम होता था. मिसाइल कई दिनों तक किसी भी समय हमले के लिए तैनात रही मगर हमला नहीं हुआ. और बाद में पैकअप कर वापिस रूस भेज दी गयी.
इस किस्से से हमे शिक्षा मिलती है दुसरे के कंधे पर बंदूक चलने से कंधे भी चले जाते है और बंदूक भी इसलिए क्यूबा ना बने.
राम राम