पछतावा: ज़िन्दगी और पछतावे

कहते है इंसान को कभी किसी चीज़ का रिग्रेट यानी पछतावा नहीं करना चाहिए.

मगर मेरा मानना है की इंसान को पछतावा ज़रूर करना चाहिए और शीशे के सामने खड़े हो ख़ुद को दे थप्पड़ दे थप्पड़ पुरुस्कारित करना चाहिए.

पछतावा हर उस मौके का जिसका फ़ायदा नहीं उठाया

पछतावा हर उस निर्णय का जो समय पर नहीं लिया

पछतावा हर उस फ़ैसले का जो ग़लत साबित हुआ

पछतावा हर उस जूनून का जिसे किताबों से दबाया

पछतावा हर उस सपने का जिसे अधूरा छोड़ा  

पछतावा हर दिल दुखाये का और चोट खाए का

पछतावा उस ज़िन्दगी का जिसे पछतावा बनाया

पछतावा नहीं करोगे तो फ़िर ग़लती करोगे फ़िर ग़लती का फ़िर पछतावा होगा

पछतावे में ज़िन्दगी, ज़िन्दगी में पछतावा यही काम रह गया है क्या ??

राम राम

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *