कितनी देर लगेगी : कहानी भागती दौड़ती ज़िन्दगी की

आज से कुछ साल पहले हमारे दादा – परदादा के ज़माने में लोगों का अटेंशन स्पैन 3 घंटे के करीब हुआ करता यानी वे लोग किसी भी चीज को समझने के लिए 3 घंटे का समय दे सकते थे उसके बाद फैसला करते कि उन्हें यह काम, पढ़ाई या जो भी है करना है या नहीं

मगर आज के फेसबुकया ज़माने  में हमारा अटेंशन स्पैन 6 सेकंड रह गया है यानी कि हम 6 सेकंड में तो फ़ैसला सुना देते है.

अरे बेकार आदमी है.

अरे बेकार गाना है 

अरे बेकार नेता है 

अरे बेकार वीडियो है

और इस का प्रभाव केवल यही तक नहीं …. ये डायलॉग भी है 

किसी का भाषण चल रहा है  : भाई कितनी देर लगेगी

किसी के हवन हो रहा है : भाई कितनी देर लगेगी   

किसी के फेरे चल रहे है : भाई कितनी देर लगेगी 

किसी को फूकने जा रहे है: वहा भी भाई कितनी देर लगेगी  

मतलब सब्र नाम की चीज़ नहीं है किसी में 

दवाई बाद में लू पहले ठीक हो जाऊ

FD बाद में करू पहले पक जाये

रिज्यूमे बाद में भेजू पहले नौकरी लग जाये

और ऐसे ही लोग होते है जो 6 मिनट में 6 पैक एब्स बनाये का वीडियो डाउनलोड करके देखते है.

या एक तारीख़ को जिम की फ़ीस दे आते है और फ़िर अगले महीने एक तारीख़ को ही जाते है फ़ीस देने इसमें ज्ञान चंद बन रहा एडमिन भी शामिल है.

बनाओ भाई बनाओ 6 मिनट में 6 पैक बनाओ….कंफ्यूज मत होना यहाँ पैक की बात हो रही है पैग की नहीं…. बन जाये तो हमे भी बताना..यहाँ दौड़ मार मार जूते घिस लिए.

राम राम 

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