मैदान के बीचो बीच खड़े होकर आस पास का नज़ारा एक दम रंगीन नज़र आ रहा है. हर हाथ में दिखते तिरंगे को देख कर इस चिल चिलाती धूप में भी साहस बह बह कर बहार निकल रहा है.
हमसे ठीक पीछे डम्बल पीटी वाले बच्चे खड़े है और उससे भी पीछे हरियाणा लोक गीत और नृत्य को पेश करने वाले अपने भाई लोग.
परेड सावधान “डम्म”
तभी मंच से घोषणा हुई.
“हमारे बीच मुख्य अतिथि मोहोदय माननीय राज्यपाल हरियाणा पधार चुके है”
“परेड एक साथ सलामी देंगे सलामी दे”
“डम्म”
राज्यपाल जी ने झंडा फेहराया और इसी के साथ रोंगटे खड़े कर देने वाला हमारा प्यारा राष्ट्रगान बज उठा.
ऐसा लग रहा था जैसे 11000 वाल्ट का करंट पुरे शारीर में दौड़ रहा हो.
“माननीय अतिथि मोहोदय परेड से सलामी लेते हुए.”
“अगली टुकड़ी केंद्रीय विद्यालय रेवाड़ी से युवा स्काउट्स जो आन बान शान से हमारे अतिथि मोहोदये को सलामी देते हुए.”
और याद है अब भी स्कूल की तरफ से मिलने वाला रिफ्रेशमेंट का एक बिस्कुट और एक फ्रूटी का पैकेट. और उसके बाद हम भी लुप्त हो जाते थे कही छोटे बच्चो की उस भीड़ में किसी फुल्ले करारे या लाल बेर की रेहड़ी के पास.
सालो गुजर गए है उन बातो को लेकिन आज भी जब NCC और SCOUT वाले छोटे भाइयो को वर्दी में देखता हूँ तो मैं खुद को मैदान के बीच खड़ा पाता हूँ उसी वर्दी में और उसी जज्बे से.