बाबा भोला: दिखावे की तरफ़ बढ़ती भक्ति

यह पोस्ट एक वर्ग विशेष के लिए है कृपया इसे पढ़कर अपने विवेक से काम ले और भड़के नहीं.

भारत में साल के 12 मास कुछ ना कुछ त्यौहार चलते ही रहते है और इसी कड़ी में चल रहे इस पवित्र सावन मॉस में भगवान शिव के परम भक्त अवतार ले चुके है. फेसबुक, whatsapp और Instagram के हर पेज, पोस्ट और स्टेटस पर सिगार जला कर बाबा भोले अब विराजमान है.

कथा- पुराणों में भगवान शिव को त्याग, तपस्या और वैराग्य का प्रतीक दर्शाया गया है. बिना शंका वो युवाओ के लिए प्रेरणास्रोत है और जीवन में त्याग का महत्व समझाते है. मगर आज हमारे देश के नवयुवको महाकाल भक्ति में पूर्ण रूप से डूब चुके है की उन्हें निकलने के लिए भारत सरकार ने परदेश से स्कूबा डाइवर्स मंगाए है.

500 मीटर पैदल चलते ही कलेजा हाथ में ले आने वाले शिव भक्त

हर 5 मिनट में फेसबुक, whatsapp और फ़ोन चेक करने वाले शिव भक्त

व्रत के नाम पर 5 – 5 किलो फल – मिठाई खीँच देने वाले शिव भक्त

शिव भक्ति के नाम पर सुल्फा गांजा पी कर बवाल काटने वाले शिव भक्त

भक्ति के नाम पर असामाजिकता फ़ैलाने वाले शिव भक्त

आज के इस दिखावेवादी सोशल मीडिया दौर में हर कोई महाकाल का परम भक्त है मगर भक्त कोई भी नहीं. वरना भक्ति तो बिना whatsapp पर बताये भी हो सकती है और शिद्दत से हो सकती है

बोल बम

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