सुबह बग़ीचे मे पानी डालते वक़्त एका एक कोई मंगता आया.
करण: “बोलो प्रभु जो माँगोगे वो देगा करण गाड़ी, बंगले, दौलत शौहरत क़सम से पैसा बहुत है”
मंगता: “गाड़ी बंगले नही बेटा ये जो कवच से पहन रखे है ये दे दे”
करण: अरे इंद्र महाराज आप ??? कर दी ना इंसानों वाली हरकत आ गए बेटे को बचाने … लो कवच कुंडल याद करोगे करण भी कोई था दानी
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कवच के बदले मे इंद्र जी ने एका-अग्नि हथियार भी दिया था करण को जो दुश्मन को भस्म कर देता है दिवाली वाले अनार कि तरह