छोरा हो या छोरी हो घणा सर प ठाया सेधया करे बिचारा करके सांपा न जो दूध पिलाया सेधया करे यारी प्यारी रिश्तेदारी राज बताया सेधया करे घणी नफ़रत सेधे प्यार भी सेधे ग़ुस्सा इकरार भी सेधया करे सीधा माणस सेधे दुनिया वक्त की मार भी सेधया करे “दीप” बदलजा होले टेढ़ा सीधे न सब…
Category: Haryanvi
तकरार: एक हरियाणवी कविता
भाई के गिले अर के शिकवे तू के बाता की बात करे बदले वक्त बदल जा माणस क्यू खामेखा तकरार करे जो गया वक्त वो बढ़िया था जो आणा वक्त वो बढ़िया स आछे भूंडे बीच जो कट जया वे जीवन की घडिया स आणी दुनिया जाणी दुनिया नदी का बहता पाणी दुनिया…
बैल अर किसान : बातचीत बूढ़े बैल अर किसान की
एक किसान क घरा गौ माता न बछड़े त जन्म दिया. जब साल भर का होया तो किसान न उसके नाथ घलवा दी. जवान होया तो सारी उमर खेत कमाता रहया और टेम गेल वो सांड बीचारा बूढा अर लाचार होके मरण की बाट देखण लाग्या. पहले गामा म मंण्डासा आले आया करते जो बूढ़े…
जाट आरक्षण
जाट आरक्षण (PDF) फेर आगे थम लेके बेडा नाटक खूब दिखाओगे रोला घाल क सडका पे घरा ने फेर जलाओगे लेरे गाड़ी लेरे किले रपिया की भी घाट नहीं जिद बेकार की होरी स ना लोड इसी कोई खास नहीं भाई बड़े थम समझो थोडा अड़े कोई किसे ते डरता ना जरुरत पूरी हो जा से…
ना चाहिये
ना चाहिए रपिये हो या ताकत का घणाजोर दिखाणा ना चाहिये कदे पासे उलटे पड़ जा से ज्यादा अकड़ में आणा ना चाहिये राज हो या हो यारी कोई हर किसे ते बताणा ना चाहिये रोला हो या प्यार कोई घरक्या ते छुपाणा ना चाहिये जमीन हो या गाय का कदे…
कहर बनाई
36 गामा में बस्ता तू एक शहर बनाई है 36 गामा में बस्ता तू एक शहर बनाई है के कहने ऊपर वाले के जमा कहर बनाई है देख के जिसने घी सा घल्जा बुझा हुया लट्टू भी जलजा खेतों खेत ने जाती तू एक नहर बनाई है रात अँधेरी पाछे चढती सुबह सी आई है तेरे…