छोरा हो या छोरी हो
घणा सर प ठाया सेधया करे
बिचारा करके सांपा न जो
दूध पिलाया सेधया करे
यारी प्यारी रिश्तेदारी
राज बताया सेधया करे
घणी नफ़रत सेधे प्यार भी सेधे
ग़ुस्सा इकरार भी सेधया करे
सीधा माणस सेधे दुनिया
वक्त की मार भी सेधया करे
“दीप” बदलजा होले टेढ़ा
सीधे न सब सेधया करे
प्रदीप सोनी