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Year: 2018

सफ़र

Posted on December 24, 2018June 7, 2020

  ऐ मेरे सफर के राहियों  एक दिन ये सफर भी नहीं होगा और यह जिंदगी भी नहीं   मैं इसलिए नहीं चलता कि मुझे तुम्हें दिखाना है मैं इसलिए चलता हूं कि ये रास्ता कुछ अंजाना है   मिलेंगे तुमसे राही और तुमसे मुसाफिर भी मुझे तो बस हाथ मिलाना है और आगे बढ़ते जाना…

तेरे शहर से नफ़रत सी हो गयी

Posted on April 21, 2018
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