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यारी

Posted on April 22, 2017June 7, 2020
 
पीठ पे वार से 
अपनो की मार से 
बेईज्ज़ती भरे बाजार से 
इंसान घुट घुट मरता है 
 
 
लत शराब की भारी ने
बढती उम्र बिमारी ने
ना मुराद बेरोजगारी ने
कई बर्बाद कर दिये
 
 
कंजूस के हाथ में 
दगाबाज के साथ में 
फिजूल की बात में 
कुछ नहीं मिलता 
 
 
एक तरफा प्यार से
धोखेबाज यार से
और बेगानी नार से 
बच के रहना चाहिए
 
 
बापू की सरदारी में 
नौकरी सरकारी में 
और “दीप” की यारी में 
मजे ही ओर है

प्रदीप सोनी 

 

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