पीठ पे वार से अपनो की मार से बेईज्ज़ती भरे बाजार से इंसान घुट घुट मरता है लत शराब की भारी ने बढती उम्र बिमारी ने ना मुराद बेरोजगारी ने कई बर्बाद कर दिये कंजूस के हाथ में दगाबाज के साथ में फिजूल की बात में कुछ नहीं मिलता …
पीठ पे वार से अपनो की मार से बेईज्ज़ती भरे बाजार से इंसान घुट घुट मरता है लत शराब की भारी ने बढती उम्र बिमारी ने ना मुराद बेरोजगारी ने कई बर्बाद कर दिये कंजूस के हाथ में दगाबाज के साथ में फिजूल की बात में कुछ नहीं मिलता …